Ikigai Meaning in Hindi | IKIGAI Book Summary in Hindi -क्या आप जानते हैं खुशहाल और लम्बी जिंदगी का जापानी रहस्य

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दुनिया में ज्यादातर लोगों को अपने जीवन का सही मकसद (Motive) पता नहीं होता। उनके दिमाग में हमेशा कुछ इस तरह के सवाल चलते रहते हैं। जैसे- 

  • मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है?
  • क्या ज्यादा सालों तक जिंदा रहना, मेरे जीवन का लक्ष्य है?
  • क्या ज्यादा पैसा कमाना मेरे जीवन का मकसद है?

अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल चल रहे हैं तो चिंता मत कीजिए क्योंकि Ikigai नाम की किताब में, आपके इन सभी सवालों का जवाब मिल जायेगा और आज हम आपको इस लेख में Ikigai Meaning in Hindi और IKIGAI Book Summary in Hindi के माध्यम से खुशहाल और लम्बी जिंदगी जीने के जापानी रहस्य बताने वाले हैं।

दोस्तों कुछ लोगों को अपने जीवन का मकसद पता होता है और वो अपने कमसद हासिल करने के लिए ही जीते हैं।

लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो अपनी पूरी जिंदगी दुविधा में निकाल देते हैं और वे अपने मकसद से बिल्कुल अनजान रहते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? इस लेख में हम यही जानने की कोशिश करेंगे।

Ikigai एक जापानी शब्द है और इसी शब्द में जापान के लोगों की लंबी आयु का रहस्य छिपा है।

इकिगाई का सामान्य अर्थ हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद है। जापान के ओकिनावा आइलैंड में सबसे ज्यादा उम्र वाले लोग पाए जाते हैं जिसका कारण है उनका इकिगाई। वहां के लोग अपना हर दिन इकिगाई के हिसाब जीते हैं।

दोस्तों इस किताब का असली मकसद जापान के ओकिनावा आइलैंड के लोगों की लंबी उम्र का राज आपके सामने उजागर करना है और साथ ही आपको आपका इकिगाई ढूंढने में मदद करना है।

ऐसे स्थानों को जहां लंबी आयु वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है उन्हें ब्लू जोन कहा जाता है और जापान का ओकिनावा आइलैंड ब्लू जोन की श्रेणी में पहले स्थान पर आता है।

Table of Contents

इकिगाई  बुक समरी इन हिंदी का संक्षिप्त विवरण

लेखक/Authorहेक्टर गार्सिया (Hector Garcia) और फ्रांसेस्क मिरालेस (Francesc Miralles)
प्रकाशक/PublisherMyMirror Publishing House
मूल भाषा/Original LanguageSpanish
मूल शीर्षक/Original TitleIkigai
हिंदी अनुवाद शीर्षक/Hindi Translate Languageइकिगाई
श्रेणी/GenreSelf-Help/Health
प्रथम प्रकाशित वर्ष/First Publised Year2016
ISBN978-93-88550-31-4
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Blog Post TitleIkigai Meaning in Hindi

चलिए दोस्तों, Ikigai Book Summary in Hindi की शुरुआत करने से पहले, इस बुक के Author, हेक्टर गार्सिया और फ्रांसेस्क मिरालेस के बारे में भी थोड़ा सा जान लेते हैं।

इकिगाई बुक के लेखक के बारे में (About the Author of Ikigai Book)

Ikigai बुक के लेखक हेक्टर गार्सिया एक प्रसिद्ध लेखक है। उनका जन्म स्पेन में हुआ था और उनके पास स्पेन तथा जापान दोनों देशों की नागरिकता थी।

ये Ikigai के अलावा भी Love in small Letters & Wabi Sabi जैसी बेस्ट सेलिंग बुक लिख चुके हैं। उन्हें जापानी संस्कृति का Specialist कहा जाता है। 

इकिगाई बुक के बारे में ( About Ikigai Book )

Ikigai Book, एक इंटरनेशनल बेस्ट सेलर बुक है। यह बुक मूल रूप से स्पेनिश भाषा में लिखी गई है और इस बुक की अब तक 57 भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

यह दुनिया की सबसे ज्यादा भाषाओँ में अनुवादित की जाने वाली किताब है, अगर आप दीर्घायु होने और खुशहाल जीवन जीने का जापानी रहस्य जानना चाहते हैं, तो यह बुक आपके लिए।

चलिए अब Ikigai Book Summary in Hindi के इस लेख में इस बुक के प्रत्येक चैप्टर के बारे में जानते हैं

इकिगाई का क्या है? (Ikigai Meaning in Hindi)

दोस्तों अगर आप Internet पर Ikigai Meaning in Hindi या इकिगाई का क्या मतलब है? जैसे कीवर्ड लिखकर सर्च करेंगे तो वहाँ आपको इसके अलग-अलग अर्थ देखने को मिलेंगे जैसे-

  • सुबह उठने की वजह
  • Reason for being
  • आपके होने का उद्देश्य
  • जीने का उद्देश्य

वैसे इन सबका मतलब एक ही होता है और इसे आप ऐसे समझ सकते हैं-

ऐसा कोई भी काम जिसे करने से आपको आनंद या खुशी का अहसास हो, जिससे आप लोगों की मदद कर सकें, जो काम आपको नई पहचान दिला सके और जिस काम को आप अपना व्यवसाय बनाकर पैसा कमा सकें असल में वही काम आपका Ikigai है।

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अपने इकिगाई की पहचान कैसे करें (How to find your Ikigai)

अब सवाल ये उठता है कि अपने इकिगाई की पहचान कैसे करें? दोस्तों अगर आपको अपना इकिगाई मालूम नहीं है तो आप कुछ स्टेप्स के जरिए इसका पता लगा सकते हैं।

अब हम आपको Ikigai तलाश करने का तरीका बताने वाले हैं। हर इंसान का इकिगाई अलग-अलग हो सकता है लेकिन Ikigai की पहचान करने का तरीका हर इंसान लिए समान होता है।

आप इन 4 स्टेप्स की मदद से अपनी Life के उद्देश्य यानि अपने Ikigai को तलाश कर सकते हैं, तो चलिए अब बिना किसी देरी के इन चारों Steps को जान लेते हैं।

स्टेप 1- Passion

क्या कोई ऐसा काम है जो आपको बेहद पसंद है जिसे करने में आपको मजा आता हो, जिसे आप बहुत अच्छी तरह से करते हैं, जिसे करते समय आपको थकान भी महसूस ना हो, जिसको करने के लिए आप किसी भी हद तक जा सकते हैं। वास्तव में ऐसे काम को ही हम Passion या जुनून कहते हैं।

अब ये आपको देखना है की आपका Passion क्या है? जैसे- ब्लॉगिंग करना मेरा Passion है, हो सकता है आपका Passion सिंगिंग करना हो , डांसिंग करना हो या फिर कुछ और।

अपने Passion को जानना ही अपने इकिगाई को तलाश करने का पहला स्टेप है। अब हम ये मानकर चलते है कि आपको अपना Passion मालूम हो गया है।

स्टेप 2- Profession

अब बारी आती है दूसरे स्टेप कि इस स्टेप में आपको देखना होगा कि जो काम आपका Passion है, क्या उस काम के लिए लोग आपको पैसे दे सकते हैं? या उस काम को करने से आपको पैसे मिल सकते हैं?

अगर हाँ तो आप अपने Passion को अपना Profession बना सकते हैं। ऐसा करने से आपकी लाइफ बहुत ही आसान हो जाएगी।

जैसे- ब्लॉगिंग मेरा Passion है और ब्लॉगिंग के माध्यम से मुझे पैसे भी मिलते हैं। कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि आपको अपने Passion को अपना Profession बनाना है, यह अपने इकिगाई को ढूंढने का दूसरा स्टेप है।

स्टेप 3- Vocation

कोई भी ऐसा काम जिसे करने से आपको पैसे मिलते हैं और जिस काम को करने से आप लोगों की मदद कर पाते हैं या लोगों की जरूरत को पूरा करते हैं वो काम ही आपका Vocation है।

स्टेप 4- Mission

कोई भी ऐसा काम जिसे करना आपको पसंद है और जिस काम की लोगों को जरुरत है, उस काम को आप अपना Mission बना सकते हैं।

Ikigai Meaning in Hindi
Ikigai Meaning in Hindi- Chart

इन चारों स्टेप्स से एक Common Point बनता है और वही है आपका Ikigai और जापान के लोगों के खुशहाल और लंबी आयु तक जीने की असली वजह उनका इकिगाई है।

बढ़ती उम्र में भी युवा रहने की कला

आपके अस्तित्व की वजह क्या है?

क्या आपको अपने अस्तित्व की असली वजह मालूम है? जापान के लोगों का मानना है कि हर इंसान के जीवन का एक इकिगाई होता है। अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जा सकता है। जैसे फ्रांस में इकिगाई का मतलब जीवन का उद्देश्य होता है।

इकिगाई हर इंसान के अंदर छिपा है, कुछ लोगों को उनका इकिगाई मिल जाता है और कुछ उसकी खोज में लगे रहते हैं। जापान के ओकीनावा शहर के लोगों की सुबह उठने की वजह ही उनका इकिगाई होता है। आपके अस्तित्व की असली वजह आपका इकिगाई है।

कभी भी रिटायर ना हों

कभी भी अपने आपको रिटायर नहीं समझना चाहिए। जापान के लोग रिटायर होने के बाद भी किसी ना किसी काम में व्यस्त रहते हैं और अपने आपको हमेशा सक्रिय रखते हैं। जब तक उनका शरीर उनका साथ देता है, तब तक वह अपना पसंदीदा काम करते रहते हैं। 

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जापान की भाषा में रिटायरमेंट जैसा कोई शब्द ही नहीं है।

80% का रहस्य

क्या आप 80% का रहस्य जानते हैं? जापान के ओकिनावा शहर में अक्सर लोग खाना खाने से पहले हारा-हारा बू का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब होता है कि सिर्फ उतना ही खाना खाएं जिससे आपका पेट 80% भर जाए। इसका मतलब ये हुआ कि खाना खाने के बाद भी आपको अपना पेट 20% खाली रखना चाहिए।

आप सोच रहे होंगे कि ऐसा करने से क्या फायदा होता है? दोस्तों कम खाना खाने की वजह से, खाना पचाने में हमारी कम ऊर्जा खर्च होती है और यह तीव्र कोशिकीय ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया को भी कम करता है। साथ ही हमें आलस्य भी कम आता है।

हाल ही में किए गई एक रिसर्च के मुताबिक जापान के ओकिनावा आइलैंड के लोग प्रतिदिन 1800 से 1900 कैलोरी खाते हैं, जबकि अमेरिका के लोग 2200 से 3300 कैलोरी प्रतिदिन खाते हैं।

मोआई: जीवन से जुड़ना

मोआई का अर्थ है: एक ही उद्देश्य से इकट्ठा हुए लोगों का समूह। ओकिनावा के लोग दोस्ताना व्यवहार करते हैं। यह उनकी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।

मोआई के सभी सदस्य मासिक चंदा इकट्ठा करते हैं और यदि इस समूह के किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की सहायता की जरूरत होती है, तो वह एक दूसरे की मदद करते हैं। इस तरह से वहां के लोगों की भावनात्मक और आर्थिक दोनों जरूरतें पूरी हो जाती हैं।

अब तक आपने Ikigai Book Summary in Hindi के इस लेख में इकिगाई के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त की है।

अब हम इस बुक के अगले अध्याय में यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर लोग उम्र से पहले ही बूढ़े क्यों हो जाते हैं? हम यह भी जानेगे कि हमारी लाइफ में Ikigai से क्या फायदा हो सकता है?

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उम्र ना बढ़ने का राज: छोटी-छोटी बातें आपको आनंद और दीर्घायु देती हैं।

कार्यक्षम और युवा शरीर (Fit and Young Body)

एक पुरानी कहावत है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन निवास करता है। शरीर और मन दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण है। ये् दोनों एक दूसरे पर निर्भर (Depend) करते हैं। यदि आप हमेशा जवान (Young) रहना चाहते हैं, तो मन का कार्यक्षम (Efficient) और खुला होना बहुत जरूरी है। जोश से भरा हुआ मन आपको जवान रहने में मदद करता है।

जिस तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम व्यायाम करते हैं, उसी तरह मन को स्वस्थ रखने के लिए भी हमे मानसिक व्यायाम करना जरुरी है।

दोस्तों ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि न्यूरोलॉजिस्ट्स श्लोमा ब्रेजनिटज कहते हैं कि दिमाग को सही रखने के लिए उसका व्यायाम किया जाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने एक स्पेनी टेलीविजन कार्यक्रम में कहा था कि– “हमारे  लिए क्या अच्छा है और हमे क्या करना अच्छा लगता है, इसमें हमेशा दुविधा (Confusion) रहती है। जिसकी वजह से तनाव (Tension) का निर्माण होता है।

खासकर बुजुर्ग लोगों को हमेशा वही करना अच्छा लगता है, जो वो आज तक करते आए हैं।

समस्या यह है कि दिमाग के काम करने का तरीका ऐसा है कि वह नया सोचने के बजाय उसी चीज को दोहराना पसंद करता है, जो वह हमेशा से करता आया है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमेशा एक ही प्रकार का काम करने की वजह से वह काम अच्छा भी लगता  है और आसानी से भी हो जाता है।

इसके कई सारे फायदे भी हैं, इसलिए लोग अपनी दिनचर्या से चिपके रहते हैं, अगर यह श्रंखला तोड़नी हो तो दिमाग को नईनई जानकारियां देना जरूरी होता है

न्यूरोलॉजिस्ट्स श्लोमा ब्रेजनिटज ने मानसिक प्रशिक्षण करने के फायदे भी बताएं हैं। उनका कहना है कि जब आप किसी काम को पहली बार करते हैं, तो वह आपको कठिन लगता है और उसे पूरा करने में आपको ज्यादा समय लगता है साथ ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लेकिन वही काम जब आप दोबारा करते हैं, तो वह आपको इतना कठिन नहीं लगता जितना कि पहली बार करने में लगा था।

असल में काम तो वैसा ही होता है लेकिन पहली बार करते वक्त मिले हुए अनुभव और प्रशिक्षण का प्रभाव आपके काम को दूसरी बार में आसन बना देते हैं। उस काम को दोबारा करते समय इंसान का Passion और Quality बढ़ जाती है और उसकी एक नई छवि उभर कर सामने आती है।

दीर्घायु का सबसे बडा शत्रु तनाव (Stress is the Enemy of Longevity)

अपने देखा होगा कि कुछ लोग अपनी उम्र से ज्यादा बूढ़े लगते हैं। एक Study के मुताबिक इसके पीछे की असली वजह तनाव है।

अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रेस मैनेजमेंट ने अपने एक अध्ययन के बाद Stress को बीमारी की सबसे बड़ी वजह बताया है

तनाव कैसे काम करता है (How Stress Works)

आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान बहुत सारी जिम्मेदारियों से घिरा हुआ है और किसी ना किसी वजह से तनाव में रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार तनाव में रहना शरीर के लिए कितना खतरनाक होता है।

तनाव मस्तिष्क की याददाश्त (Memory) से संबंधित कोशिकाओं पर नकारात्मक असर डालता है। तनाव की वजह से ही निराशा पैदा होती है। तनाव के कारण है चिड़चिड़ापन, नींद न आना, चिंता और रक्तचाप जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

अगर आप समय से पहले बूढ़ा नहीं होना चाहते हैं तो आपको अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने होंगे और अपने जीवन को तनाव मुक्त करने की कला सीखनी होगी। तनाव कम करने के लिए हमेशा सजग रहें।

क्योंकि हमें सताने वाले डर और चिंताएं चाहे असली हो या नकली लेकिन उसे पैदा होने वाले तनाव का परिणाम असली ही होता है।

इस किताब में तनाव को दूर करने का एक उपाय बताया गया है और वह है ध्यान यानी कि मेडिटेशनमेडिटेशन की मदद से आप अपने तनाव पर काबू पा सकते हैं।

लगातार ज्यादा बैठे रहने से भी बुढ़ापा आता है

लगातार एक ही जगह बैठकर काम करने वाले लोगों में उक्त रक्तचाप, बदहजमी, हृदय रोग, हड्डियों का कमजोर होना और मोटापा जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे लोग अपनी वास्तविक उम्र से पहले ही बूढ़े लगने लगते हैं।

इन सभी समस्याओं को आप अपनी दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करके जड़ से खत्म कर सकते हैं। छोटे-छोटे बदलाव आपको इन बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।

यहां कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें आपको अपनी दिनचर्या में जोड़ना चाहिए। जैसे–

  • अगर आप कोई ऐसा काम करते हैं, जिसमें आपको दिनभर बैठना पड़ता है, तो आप कुछ देर के लिए खड़े होकर टहलने लगे।
  • प्रत्येक दिन में कम से कम 20 मिनट पैदल चलें।
  • टीवी या मोबाइल पर व्यर्थ बैठने से अच्छा है आप सामाजिक कार्यों में सम्मिलित हों।
  • जंक फूड की बजाए फल और पोस्टिक चीजें खाने की शुरुआत करें।
  • अच्छी नींद लें। सामान्यत 7 से 9 घंटे की नींद काफी होती है।
  • शरीर को हानि पहुंचाने वाली आदतों को छोड़ें और अच्छी आदतों को अपनाएं।
  • कोई ऐसा खेल या काम जरूर करें जिससे आपका शरीर Movement में रहे।

युवा रहने का नजरिया

जो लोग अपनी समस्याओं और जीवन को सकारात्मक नजरिए से देखते हैं और अपनी भावनाओं को सही दिशा देना जानते हैं। ऐसे लोग लंबी आयु प्राप्त करते हैं।

वर्ष 2014 में दुनिया के सबसे उम्र दराज व्यक्ति के तौर पर जाने गए 111 वर्षीय वर्ष के एलेग्जेंडर इमिच ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद अपनी लंबी उम्र का राज बताते हुए कहा कि

बेशक अच्छे जींस मिलना लंबी आयु का एक कारण है लेकिन यह एकमात्र वजह नहीं हो सकती क्योंकि आप कैसा जीवन जीते हैं, यह बात भी लंबी उम्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है।

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लोगोथैरेपी से इकिगाई तक (लंबी आयु तक जीने की कला)

लोगोथैरेपी

लोगोथैरेपी क्या है? इसका सीधा सा जवाब यह है कि लोगोथैरेपी लोगों को उनके जीने का मकसद ढूंढने में मदद करती है। विक्टर फ्रैंकल ने यह निष्कर्ष निकाला कि लोगों को जिंदा रहने के लिए किसी ना किसी मकसद की जरूरत होती है।

विक्टर फ्रैंकल का मानना है कि जब कोई इंसान अपने जीवन में किसी चीज को हासिल करना चाहता है तो उसे सुस्त जीवन जीना अच्छा नहीं लगता बल्कि वह चुनौतियों से भरा जीवन जीना पसंद करता है।

लेकिन आज के आधुनिक युग में इंसान वो काम नहीं करता, जो उसे करना अच्छा लगता है बल्कि वो उस काम को करता है जो उसे दूसरों के द्वारा बताया जाता है। आज के समय में ज्यादातर लोग ऐसा ही कर रहे हैं।

लोग पैसों के लिए जिंदगीभर ऐसा काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं, जिसे करना उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है। जिसकी वजह से कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं कि इंसान के दिमाग में आत्महत्या करने जैसे विचार आने लगते हैं।

हर किसी के पास असाधारण महान कार्य करने की क्षमता होती है।

आप अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे या नहीं। यह इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप किस परिस्थिति में हैं बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस परिस्थिति में क्या निर्णय लेते हैं।”

मोरिता थैरेपी

मोरिता थैरेपी जीवन-उद्देश्य के आधार पर जापान में विकसित की गई थैरेपी है। इस थैरेपी में इंसान की भावनाओं को जानकर उनको स्वीकार करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भावनाएं हमारी क्रियाओं को दिशा देती हैं।

मोरिता थैरेपी के 3 मूल सिद्धांत है

  1. अपनी भावनाओं को स्वीकार करें।
  2. आप जो कर रहे हो वही करें।
  3. अपने जीवन उद्देश्य की खोज करें।

मोरिता थैरेपी लगभग 15 से 30 दिन तक चलती है और इसमें 4 स्टेप्स होते हैं

  1. अलग रहना और आराम करना
  2. हल्का पेशेवराना प्रशिक्षण
  3. पेशेवराना थैरेपी
  4. सामाजिक और वास्तविक दुनिया से जुड़ना

Step 1. अलग रहना और आराम करना– शुरुआत में मरीज को 5 से 7 दिनों तक एक कमरे में आराम करने के लिए छोड़ दिया जाता है और उसे बाहरी चीजों जैसे- टीवी, मोबाइल, दोस्त, खेलकूद, परिवार आदि से दूर रखा जाता है। उसे सिर्फ अपनी भावनाओं में होने वाले बदलाव का अध्ययन करने की सलाह दी जाती है।

इस स्थिति में मरीज काम ना करने की वजह से बिल्कुल परेशान हो जाता है और कुछ न कुछ करने के लिए उतावला होने लगता है। इसके बाद इस थेरेपी के दूसरे स्टेप की शुरुआत होती है।

Step 2. हल्का पेशेवराना प्रशिक्षण– इस स्टेप में मरीज 5 से 7 दिनों तक चित्रकला, बागवानी, व्यायाम जैसे हल्के फुल्के कार्य करता है। उसे डॉक्टर के अलावा किसी से मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है। उसे अपने विचारों और भावनाओं को डायरी में लिखने की सलाह दी जाती है।

Step 3. पेशेवराना थैरेपी– इस स्टेप में मरीज को 5 से 7 दिनों तक शारीरिक रूप से कुछ कठिन कार्य करने होते हैं। इस चरण में मरीज को दूसरे लोगों के साथ सिर्फ काम के बारे में बात करने की इजाजत दी जाती है।

Step 4. सामाजिक और वास्तविक दुनिया से जुड़ना– इस स्टेप में मरीज को अस्पताल से सामाजिक जीवन में जिंदगी जीने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया का सिर्फ एक ही मकसद होता है। इंसान को उसके जीने का उद्देश्य समझाना।

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अपने हर काम में प्रवाह की खोज करें: कार्य और खाली समय का इस्तेमाल अपने विकास के लिए कैसे करें

अरस्तु ने कहा है कि हम जैसा करते हैं वैसे बनते हैं। इसलिए उत्कृष्टता कोई क्रिया नहीं है, यह तो हमारी आदत है।

प्रवाह का क्या मतलब है?

जब कोई इंसान किसी काम के साथ एकरूप हो जाता है और उस काम को करते वक्त अपना पूरा होश खोकर उसमें खो जाता है, उस अवस्था को प्रवाह कहते हैं।

यानी प्रवाह एक ऐसी अवस्था है, जिसमें मनुष्य आनंदित, उत्साहित और सृजनशील जीवन जीता है और तन मन से उस कार्य में जुड़ जाता है।

प्रवाह की अवस्था आने पर मनुष्य अपने काम में इतना डूब जाता है कि आसपास क्या घट रहा है, इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। 

जिस काम को करते समय आप प्रवाह की स्थिति में चले जाएं, वास्तव में वही आपका इकिगाई है।

आपने अक्सर देखा होगा कि जो काम आपको पसंद है उसे करते हुए, समय कब बीत जाता है आपको पता भी नहीं चलता, लेकिन जो काम आपको पसंद नहीं है, उसे करते हुए, समय काटे नहीं कटता।

किसी भी काम को करते हुए, प्रवाह की स्थिति में आने के लिए, आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या करना है?
  2. आपको पता होना चाहिए कि कैसे करना है?
  3. आपको पता होना चाहिए कि इस कार्य को कितने अच्छे तरीके से किया जा सकता है।
  4. आपको भविष्य में आने वाली चुनौतियों का पता होना चाहिए।
  5. आपको जरूरी Skils का पता होना चाहिए।
  6. आपका मन कंसंट्रेट होना चाहिए।

अगर किसी काम को करते समय आपको ऐसा महसूस होने लगे कि आपकी एकाग्रता भंग हो रही है, तो आप नीचे दिए गए उपाय करके देखें।

ये उपाय आपको प्रवाह (Flow) में मदद करेंगे

उपाय 1: मुश्किल काम खोजें (लेकिन ज्यादा कठिन नहीं)

आपको अपने लिए ऐसे काम की तलाश करनी चाहिए जिसे करने में आपको थोड़ी कठिनाई हो। वह काम आराम के दायरे से थोड़ा बाहर होना चाहिए।

क्योंकि यदि आप अपने लिए बेहद आसान काम चुनेंगे तो उसे करने में आपको मजा नहीं आएगा और वह काम कुछ समय बाद आपको बोरिंग लगने लगेगा।

अगर आप एक ग्राफिक डिजाइनर है तो अगला काम सॉफ्टवेयर सीखना हो सकता है। अगर आप एक डांसर है, तो आप किसी ऐसे स्टेप को सीख सकते हैं जो आपको कठिन लगता हो।

जब आप अपनी रूचि और क्षमता के हिसाब से किसी काम को चुनते हैं तो उसे करने में आनंद आने लगता है और हम प्रवाह में आने लगते हैं और इसका साफ मतलब है कि आप अपने इकिगाई के हिसाब से काम कर रहे हैं।

उपाय 2: स्पष्ट और पक्का लक्ष्य तय करें (Set Clear and Specific Goals) 

यदि आप प्रवाह में आना चाहते हैं तो आपके पास स्पष्ट और पक्का लक्ष्य होना चाहिए और फिर उस काम में अपने आप को पूरी तरह से झोंक देना चाहिए।

यदि आपके पास स्पष्ट और पक्का लक्ष्य नहीं है तो ये बिल्कुल ऐसा है, मानो आप नक्शे के साथ समुन्द्र  की यात्रा पर निकले हो और आपको यह मालूम नहीं कि पहुंचना कहां है?

इसलिए आपके साथ नक्शे के अलावा कंपास भी होना जरुरी है क्योंकि यह आपको उस जगह पर लेकर जाएगा जहां आप वास्तव में जाना चाहते हैं।

यदि आपका लक्ष्य बड़ा है तो उस लक्ष्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाट लें और फिर उसके एक-एक टुकड़े पर पूरी ताकत से हमला करें।

उपाय 3: एक ही लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें

आजकल ज्यादातर लोगों की समस्या है मन का विचलित होना। जब आप किसी काम को करते हैं, तो आपका ध्यान इधर-उधर भटकने लगता है।

आपने अक्सर देखा होगा कि कई बार लोग खाना खाते हुए, मोबाइल या टीवी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें पता ही नहीं होता कि खाना वास्तव में कैसा था या उस खाने में नमक कम था या ज्यादा।

कुछ लोगों को यह गलतफहमी होती है कि वे एक साथ एक से ज्यादा काम करने की वजह से अपना समय बचाते हैं। लेकिन यह साबित हो चुका है कि ऐसे लोगों की कार्य क्षमता बाकी लोगों के मुकाबले कम होती है।

इसलिए काम करते समय आपका ध्यान सिर्फ अपने काम पर केंद्रित होना चाहिए। यह प्रवाह हासिल करने की सबसे इंर्पोटेंट जरूरत है।

किसी भी काम को कंसंट्रेट होकर करने के लिए इन बातों का होना बहुत जरूरी है।

  1. अच्छा माहौल
  2. आत्मविश्वास
  3. ध्यान (मेडिटेशन)

विश्व के सबसे दीर्घायु लोगों का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन

पूरी दुनिया में लगभग 350 से 400 लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 110 साल से ज्यादा है और ऐसे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा जापान में है। इकिगाई बुक के इस अध्याय में यह बताया गया है कि दीर्घायु लोगों का अपने जीवन के बारे में क्या कहना है।

आखिर ऐसे कौन से तरीके हैं, जिनका प्रयोग करके लंबी आयु प्राप्त की जा सकती है। मैं आपके लिए कुछ ऐसे ही तरीके बताने जा रहा हूं, जिनकी वजह से जापान के लोग लंबी आयु प्राप्त करते हैं।

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दीर्घायु लोगों द्वारा बताए गए लंबी उम्र के राज कुछ इस प्रकार हैं –

  • सिर्फ अच्छा खाना खाएं
  • दिन में सिर्फ दो बार ही भोजन करें
  • अच्छी नींद लें,  7 से 9 घंटे की नींद अच्छी मानी जाती है
  • जीने की इच्छाशक्ति रखें
  • नॉनवेज ना खाएं
  • हमेशा खुश मिजाज रहें
  • अपने मन और शरीर को हमेशा सक्रिय रखें।
  • मादक पदार्थों का सेवन ना करें
  • हमेशा कुछ नया सीखते रहें और करते रहें
  • आप सिर्फ वर्तमान में ही जिएं। अगर आपका वर्तमान अच्छा होगा तो भविष्य खुद अच्छा  बन जाएगा।
  • हमेशा टीम भावना के साथ लोगों से मिलजुल कर रहें
  • अपने जीवन के अंतिम दिनों तक व्यायाम करते रहें
  • चिंता ना करें
  • अच्छी आदतें डालें
  • सिर्फ अच्छे दोस्त बनाएं
  • हमेशा सकारात्मक रहें।

विश्व के सबसे लंबी आयु वाले लोगों का खान-पान कैसा होता है।

वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा आयु वाले लोग जापान में पाए जाते हैं और जापान के ही ओकीनावा आईलैंड में सबसे ज्यादा लंबी आयु वाले लोग पाए जाते हैं।

हम जापान के लोगों के दीर्घायु होने के कुछ राज पहले ही बता चुके हैं। इस अध्याय में हम बात करेंगे, जापान के लोगों  की खाद्य संस्कृति (खान-पान) के बारे में। आखिर जापान के लोग ऐसा क्या खाते हैं, जिसकी वजह से वे लंबी आयु तक जीते हैं।

आपको बता दें कि जापान का ओकीनावा आईलैंड दुनिया की ऐसी जगह है जहां सबसे ज्यादा लंबी आयु के लोग पाए जाते हैं, उस आईलैंड पर ट्रेन और कार नहीं चलती हैं। वहां के लोग केवल साइकिल से या पैदल ही यात्रा करते हैं

जापान के ओकीनावा आईलैंड के लोगों के द्वारा प्रत्येक दिन अपने खाने में 15 ऐसे पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, जिनमें कुदरती एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जैसे–

  • तोफू
  • मिसो
  • टुना
  • गाजर
  • शकरकंद
  • गोभी
  • प्याज
  • गोया (करेला)
  • काली मिर्च
  • कोंबु (समुद्री वनस्पति)
  • नोरी (समुद्री शैवाल)
  • हेचिमा (ककड़ी जैसा पदार्थ)
  • सोयाबीन (कच्चा और उबला हुआ)
  • सेंपिन-चा (जैस्मिन की चाय)

ओकीनावा आईलैंड के लोग मीठे पकवान और चॉकलेट आदि का बहुत कम प्रयोग करते हैं। यहां के लोग प्रत्येक दिन औसतन 7 ग्राम नमक का सेवन करते हैं।

सेंपिनचा का राज

जापान के ओकीनावा आइलैंड में ग्रीन टी और जैसमिन की चाय के मिश्रण से बनी सेंपिनचा नाम की चाय का प्रयोग करते हैं। इस चाय को पीने के काफी ज्यादा फायदे हैं। जैसे–

  • खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घट जाती है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है
  • तनाव कम होता है
  • Heart Attack होने की संभावना कम हो जाती है

ग्रीन टी का राज

इस चाय की शुरुआत सबसे पहले चीन में हुई थी। स्टडी से पता चला है कि इस चाय का लंबी उम्र पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा भी इस चाय के काफी सारे फायदे हैं। जैसे–

  • ग्रीन टी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है
  • ब्लड शुगर की मात्रा कम होती है
  • ब्लड सरकुलेशन तेज होता है
  • हड्डियां मजबूत होती हैं
  • फ्लू से संरक्षण मिलता है
  • अल्ट्रावॉयलेट किरणों से होने वाले नुकसान से बचाती है
  • कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाव होता है

शिकुवासा फल का राज

शिकुवासा नींबू की तरह एक खट्टा फल है। इसका जापान के ओकीनावा थाईलैंड में सबसे ज्यादा उत्पादन किया जाता है। इसमें उच्च मात्रा में नॉबिलेटिन पाया जाता है जो हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स का काम करता है।

शिकुवासा फल में विटामिन बी और सी के आलावा बीटा कैरोटीन और अनेक तरह के फायदेमंद मिनरल्स भी पाए जाते हैं। जापान के ओकीनावा थाईलैंड के लोगों की लंबी उम्र की एक वजह वहां पाया जाने वाला शिकुवासा फल भी माना जाता है।

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स्वस्थ और शतायु जीवन के लिए व्यायाम

ब्लू जोन यानी कि ऐसे स्थान जहां सबसे ज्यादा लंबी उम्र वाले लोग पाए जाते हैं, उनका अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि ऐसी जगह के लोग अपने जीवन में किसी ना किसी गतिविधि में जरुर लगे रहते हैं।

चाहे आप शहर में रहते हो या गांव में लेकिन अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आपको हल्के-फुल्के व्यायाम जरूर करने चाहिए। नीचे आपको ऐसे ही कुछ व्यायाम की जानकारी दी गई है।

योग

योग की शुरुआत सबसे पहले भारत में हुई थी। जापान और चीन के लोग भी योग को अपनाते हैं। योग की मदद से इंसान को शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। बुजुर्ग लोगों के लिए ये सबसे अच्छा व्यायाम है। इस व्यायाम को कोई भी कर सकता है।

योग का मुख्य उद्देश्य है

  • हमारे मूल धर्म या स्वभाव की पहचान कराना
  • शारीरिक और मानसिक शुद्धि
  • देवत्व के नजदीक लेकर जाना

रेडियो ताइपो

रेडियो ताइपो जापान के लोगों द्वारा सुबह के समय किया जाने वाला व्यायाम है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के अंदर जोश और एकता की भावना का निर्माण करना होता है।

ताई ची

ताइजिक्वान नाम से प्रसिद्ध ताई ची व्यायाम जापान में काफी पुराने समय से प्रचलित है। बौद्ध धर्म में भी इसका जिक्र किया गया है। यह चीनी मार्शल आर्ट का एक अभिन्न अंग है। चीन की सरकार ने खुद इस व्यायाम को लोगों तक पहुंचाया।

ताई ची व्यायाम का मुख्य उद्देश्य है

  • खुद को और अपने प्रतियोगी को समझना
  • शक्ति पर कुशलता की मदद से जीत हासिल करना
  • स्थिरता की मदद से अपनी हलचल को नियंत्रित करना

अगर आप इन व्यायामो को करना चाहते हैं, तो आप इनके बारे में गूगल पर सर्च कर सकते हैं या यूट्यूब पर देख कर सीख सकते हैं और अपनी डेली दिनचर्या में इनका प्रयोग कर सकते हैं।

चुनौतियों का सामना कैसे करें

दृढ़ता 

किसी काम के पीछे लगे रहना दृढ़ता नहीं है बल्कि दृढ़ता का वास्तविक अर्थ: दुनिया की तरफ देखने का हमारा नजरिया है। जिन लोगों का इकिगाई स्पष्ट होता है, वह अपने एक इकिगाई को हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

चाहे परिस्थितियाँ उनके विपरीत ही क्यों ना हों, चाहे उनके सामने समस्याओं का पहाड़ ही क्यों ना खड़ा हो जाए, वह अपना इकिगाई नहीं छोड़ते। समस्याओं का सामना करना ही हमारी असली दृढ़ता है।

आपके साथ क्या घटना हुई यह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आपने उस घटना के बाद क्या प्रतिक्रिया की।

वाबीसाबी और इची-गो इची-इ

इस क्षणभंगुर और परिवर्तनशील दुनिया में सुंदरता खोजने की कला को जापानी भाषा में वाबी-साबी कहा जाता है। वाबी-साबी एक जापानी Concept है।

इसमें बताया गया है कि परिपूर्णता के बजाय अपूर्णता में सुंदरता को खोजना ही असली कला है। इस कांसेप्ट की पुष्टि करने वाला एक और जापानी कांसेप्ट है जिसे इचीगो-इची-इ कहते हैं।

इचीगो-इची-इ का अर्थ है “वर्तमान का पल ही असली है और यह चाह कर भी वापस नहीं आता है।” जापान के हर तरह के सामाजिक समारोह, सम्मेलन और कार्यक्रमो में इन पंक्तियों का जिक्र किया जाता है।

अब हम यह जानेंगे कि आप इन दोनों Concept से अपने दैनिक जीवन में कैसे लाभ उठा सकते हैं। इसका फायदा लेने के लिए आपको कुछ Steps लेने होंगे।

Step 1– ज्यादा विकल्प तैयार करें (Create more Options)

जापान के लोगों का अपने प्राथमिक व्यवसाय के अलावा भी कोई ना कोई Side Business जरूर होता है। Side Business के तौर पर वहां के ज्यादातर लोग सब्जियों का बगीचा लगाते हैं और उस सब्जी को मार्केट में बेचकर कुछ Extra पैसा कमाते हैं।

दोस्तों आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि “अपने सभी अंडे एक टोकरी में नहीं रखनी चाहिए यहां इसका मतलब है कि आपको आय के केवल एक ही स्रोत पर डिपेंड रहने के बजाय एक्स्ट्रा इनकम कमाने का दूसरा रास्ता भी तैयार रखना चाहिए।

जरा सोच कर देखो कि अगर यह अंडों की टोकरी गिर गई तो आपके सारे अंडे नष्ट हो जाएंगे। ऐसा ही कुछ हमारी असल जिंदगी में होता है।

मान लो आप कोई नौकरी कर रहे हैं और आपके परिवार की सारी जरूरतें उसी नौकरी से पूरी होती हैं और किसी कारणवश आपकी वह नौकरी छूट जाए तो उस परिस्थिति में आप क्या करेंगे?

इसलिए आपके पास इनकम का दूसरा सोर्स होना बहुत जरूरी है ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में आपको हताश ना होना पड़े।

Step 2– जीवन में छोटे जोखिम जरूर उठाएं (Take Small Risks in Life)

जिंदगी में कुछ बड़ा करने के लिए रिस्क लेना जरूरी है, लेकिन आप ध्यान रखें कि आप शुरुआत में कोई बड़ा रिस्क ना लें। आप अपनी शुरुआत छोटे जोखिम उठाकर कर सकते हैं।

Step 3– कमजोर बनाने वाली चीजों से हमेशा दूर रहे (Always Stay Away from Things that Make you Weak)

आपको सबसे पहले अपने आप से यह सवाल पूछना चाहिए कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो आपको कमजोर बना रही हैं? और जब आपको इस सवाल का जवाब मिल जाए, तो आपको हर उस चीज से दूर हो जाना चाहिए , जो आपको कमजोर बना रही है।

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इकिगाई के महत्वपूर्ण नियम (10 Rules of Ikigai)

ओगिमी लोगों से मिलने और उनसे बातचीत करने के बाद इस बुक के लेखक ने हमें इकिगाई के 10 नियम दिए हैं जो इस प्रकार हैं–

  1. हमेशा कार्यरत रहे और कभी भी रिटायर ना हो।
  2. जल्दबाजी ना करें
  3. पेट भर कर ना खाएं
  4. अच्छे दोस्तों से घिरे रहें
  5. मुस्कुराएं या खुश मिजाज रहें
  6. अपने अगले जन्मदिन पर ज्यादा तंदुरुस्त बनने का प्रयास करें।
  7. ईश्वर से जुड़े
  8. धन्यवाद दें
  9. वर्तमान में जिएं
  10. अपना जीवन अपने इकिगाई के मुताबिक जीएं

FAQ

इकिगाई के 4 नियम क्या हैं?

इकिगाई के 4 नियम हैं- Passion, Profession, Vocation और Mission. इन चारों नियम से एक Common Point बनता है और वही है आपका Ikigai और जापान के लोगों के खुशहाल और लंबी आयु तक जीने की असली वजह उनका इकिगाई है।


इकिगाई का 80% नियम क्या है?

जापान के ओकिनावा शहर में अक्सर लोग खाना खाने से पहले हारा हारा बू का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब होता है कि सिर्फ उतना ही खाना खाए जिससे आपका पेट 80% भर जाए। इसका मतलब ये हुआ कि खाना खाने के बाद भी आपको अपना पेट 20% खाली रखना चाहिए।

योग की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

योग की शुरुआत सबसे पहले भारत में हुई थी।

ग्रीन-टी की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

ग्रीन-टी की शुरुआत सबसे पहले चीन में हुई थी।

Conclusion

दोस्तों आज आपने Ikigai Book Summary in Hindi के माध्यम से इकिगाई बुक के बारे में जाना, साथ ही अपने इस बुक में दीर्घायु और खुशहाल जिन्दगी जीने के जापानी सीक्रेट के बारे में भी जाना। उम्मीद करता हूँ कि आपको ये लेख पसंद आया होगा।

दोस्तों आपको हमारा ये आर्टिकल (Ikigai Book in Hindi) कैसा लगा, हमें comment करके जरूर बताएं, साथ ही इस पोस्ट को आपने दोस्तों के साथ भी Share कर दें। यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं, हम आपके हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

दोस्तों आपका इकिगाई क्या है? हमे कमेंट करके जरुर बताए।

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