How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi | चिंता छोड़ो सुख से जियो

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चिंता छोड़ो सुख से जियो बुक समरी हिंदी में: दुनिया का हर इंसान किसी न किसी चिंता से पीड़ित है। किसी को नौकरी की चिंता सता रही है, तो किसी को व्यवसाय की, कोई अपनी Health को लेकर परेशान है, तो कोई पारिवारिक संबंधों को लेकर, कहने का मतलब है कि आज के समय में अधिकतर लोग किसी न किसी तरह से Anxiety यानी चिंता के शिकार हो रहे हैं।

चिंता छोड़ो सुख से जियो किताब का हिंदी सारांश

लेखक/Authorडेल कार्नेगी/Dale Carnegie
प्रकाशक/PublisherManjul Publishing House
मूल भाषा/Original LanguageEnglish
मूल शीर्षक/Original TitleHow To Stop Worrying and Start Living
हिंदी अनुवाद शीर्षक/Hindi Translate Languageचिंता छोड़ो सुख से जियो/Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo
श्रेणी/GenreSelf-Help/Personal Growth
ISBN978-81-8322-743-8
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Blog Post TitleHow to Stop Worrying and Start Living Book summary in Hindi

How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi

क्या आप अपनी चिंताओं से छुटकारा पाना चाहते हैं? क्या आप जानते हैं, चिंता करने से आपको कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं? दोस्तों इस आर्टिकल में आपको इन सभी सवालों का जवाब मिल जायेगा।

जी हां दोस्तों आज हम बात करने वाले है बहुत ही Famous बुक Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo के बारे में, जो डेल कार्नेगी द्वारा लिखी गई है, जो उनकी How to Stop Worrying and Start Living किताब का हिंदी अनुवाद है।

Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary में ऐसे अचूक नुस्खे दिए गए हैं, जिनका Use करके आप अपनी सभी प्रकार की चिंताओं को, हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं।

Author इस बुक में बताते हैं कि कैसे हजारों लोगों ने चिंता पर विजय पाई है, जिनमें से कुछ लोग तो बहुत मशहूर हैं, परंतु ज्यादातर लोग हमारी तरह सामान्य ही हैं।

आइये Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary की शुरुआत करने से पहले इस किताब के लेखक डेल कार्नेगी के बारे में भी थोड़ा सा जान लेते हैं।

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Who is Dale Carnegie | डेल कार्नेगी कौन हैं?

Dale Carnegie का जन्म 24 नवंबर 1888 अमेरिका में हुआ था। डेल कार्नेगी अमेरिकी लेखक और प्रवक्ता थे। वे कई Best Seller किताबें लिख चुके हैं। How to Stop Worrying and Start Living उनकी उन्ही बेस्टसेलर किताबों में से सबसे प्रसिद्ध किताब है। उन्होंने 14 भी ज्यादा किताबें लिखी हैं।  

How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi
How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi

दोस्तों, आप ये मानकर चलिए हम जिस इंसान की बुक के बारे पढ़ रहे हैं, वो ना जाने अब तक कितने लोगों की जिंदगी में बदलाव ला चुके हैं। उनके द्वारा इस किताब में बताये गये सभी नुस्खे, चिंता को दूर करने के लिए लाभदायक साबित होंगे।

Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary आपको क्यों पढ़नी चाहिए

Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo बुक को लिखने का मुख्य उद्देश्य लोगों को चिंता से मुक्त रहने के तरीकों के बारे में समझाना है। अगर आप अपने जीवन को सभी तरह की चिंताओं और तनाव से मुक्त रखना चाहते हैं, तो यह बुक आपके लिए ही है। चलिए अब Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary के मुख्य भाग की शुरुआत करते हैं

अपना एक-एक दिन वर्तमान में जिएं

आप जरा सोच कर देखिए, क्या आप वाकई अपनी जिंदगी को भरपूर तरीके से जी रहे हैं। आप में से ज्यादातर लोगों का जवाब होगा नहीं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप अपनी जिंदगी को भरपूर तरीके से जीना ना चाहते हों।

ज्यादातर लोगों की, चिंता और परेशानी का कारण होता है, भविष्य के बारे में ज्यादा सोचना और कुछ लोग तो पुरानी बातों को ही सोचकर चिंता करते रहते हैं। इन सब के चक्कर में, वो अपने वर्तमान को जीना भूल जाते हैं।

Author बताते हैं कि सन 1871 में एक मेडिकल स्टूडेंट ने, एक ऐसी किताब पढ़ी जिसके मात्र 21 शब्दो ने उसके भविष्य पर बहुत बड़ा पॉजिटिव प्रभाव डाला।

इस मेडिकल स्टूडेंट को हर समय एक ही चिंता सताती रहती थी, मैं परीक्षा में पास हो पाऊंगा या नहीं। अगर पास हो भी गया तो डॉक्टरी की प्रैक्टिस कहां शुरू करूंगा। अपना कैरियर कैसे बनाऊंगा।

इस Medical Student ने उस किताब में, जो 21 शब्द पढ़े थे, उनकी मदद से, वह अपने समय का सबसे Successful Doctor बना। इसके बाद उसने World Famous जॉन्स हापकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन की शुरुआत की।

वह Student ऑक्सफोर्ड में रेजियस प्रोफ़ेसर बना, जो  ब्रिटिश साम्राज्य में किसी भी डॉक्टर को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है, उनको इंग्लैंड के सम्राट ने नाईट उपाधि से सम्मानित किया।

वह Medical Student कोई और नहीं बल्कि उनका नाम सर विलियम ऑस्लर है।

क्या आप भी जानना चाहते हैं कि उस किताब के वो 21 Words कौन से हैं, जिनसे सर विलियम ऑस्लर को चिंता मुक्त जीवन जीने में मदद मिली।

वो 21 शब्द ये हैं— हमारा काम यह देखना नहीं है कि दूर धुंधल के में क्या दिख रहा है, बल्कि वह करना है जो हमारे सामने है।

लोगों को लगता है कि सर विलियम ऑस्लर के पास, कोई खास तरह का दिमाग होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, उनका दिमाग बहुत ही औसत दर्जे का था।

शायद आप भी जानना चाहेंगे कि आखिरकार उनकी सफलता का राज क्या था? Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary में आगे हम उसी राज के बारे में पढ़ने वाले हैं।

सर विलियम ऑस्लर बताते हैं कि वे डे-टाइट कंपार्टमेंट यानि अपना एक-एक दिन वर्तमान में जीते थे। उनके कहने का मतलब है कि हमे भविष्य की कोई तैयारी नहीं करनी चाहिए। नहीं, बिल्कुल नहीं।

सर विलियम ऑस्लर कहते हैं, कि आने वाली कल की तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका है, आप अपनी सारी बुद्धि और सारा उत्साह आज के काम को अच्छे ढंग से करने में लगा दें, और शायद यही इकलौता तरीका है, जिससे आप अपने भविष्य की तैयारी कर सकते हैं।

कुछ लोग ईसा मसीह के इस मत को मानने से इंकार करते हैं कि आने वाले कल का कोई विचार मत करो। लोग कहते हैं कि मुझे कल का विचार करना ही होगा।

मुझे अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में सोचना ही होगा, मुझे अपने बुढ़ापे के लिए पैसे बचाकर रखने ही होंगे, मुझे आगे बढ़ने की योजना बनानी ही होगी।

यह बिल्कुल सही बात है, आपको ऐसा करना ही चाहिए। दरअसल सम्राट जेम्स के युग में, यानि कि आज से करीब 300 साल पहले विचार (Thought) शब्द का अर्थ  चिंता होता था।

बाइबल के नवीनतम संस्करण में ईसा मसीह के शब्दों को अधिक सटीक रूप से इस तरह से लिखते हैं– आने वाले कल की कोई चिंता मत करो।

इसका सीधा सा मतलब है कि आपको आने वाले कल का विचार जरूर करना चाहिए और नई-नई योजनाएं बनानी चाहिए लेकिन आपको किसी भी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए।

आपको बीते हुए कल की समस्याओं से चिंतित होने के बजाय आने वाले कल की समस्याओं पर काम करना चाहिए। आपका वर्तमान ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है।

Author डेल कार्नेगी, मिशिगन की Mrs. के.शील्ड्स के बारे में बताते हैं कि Mrs. के.शील्ड्स के पति की अचानक मृत्यु हो गई थी, अब ना तो उनके पास पैसे थे और ना ही करने के लिए कोई काम।

वह स्कूल में किताबें बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाती थी, लेकिन अकेलेपन का तनाव उनसे सहन नहीं हो पा रहा था, वह इतनी ज्यादा टेंशन में थी, कि उन्होंने एक दिन आत्महत्या करने का मन बना लिया।

उन्हे हमेशा इसी बात का डर रहता था, कि वह अपने कमरे का किराया कैसे देगी, खाने के लिए भोजन की व्यवस्था कैसे करेंगी, बिगड़ती हुई अपनी सेहत का इलाज कैसे कराएंगी।

लेकिन उसने अपनी बहन के बारे में सोच कर, आत्महत्या न करने फैसला किया क्योंकि इससे उसकी बहन को बहुत दुख होता और वो बेचारी अकेली रह जाती।

और फिर एक दिन, उसने एक आर्टिकल पढ़ा जिसने उसे निराशा के दलदल से बाहर निकाल दिया और जिंदा रहने का साहस दिया।

उस आर्टिकल में एक वाक्य लिखा था, जिसने उसके नजरिए को बदल दिया, वह वाक्य था–बुद्धिमान व्यक्ति के लिए हर दिन, एक नया जीवन होता है।

इस वाक्य का इनके ऊपर ऐसा प्रभाव पड़ा कि अब उसने बीते कल को भुलाना और आने वाले कल की परवाह न करना सीख लिया। वह हर सुबह खुद से कहती, आज एक नया जीवन है।

उसने अकेलेपन और गरीबी के डर को जीतने में सफलता पाई, इसलिए ऐसी घटनाएं जो हो चुकी हैं और जिनको सुधारा नहीं जा सकता, उनके लिए चिंता करना बेकार है।

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चिंताजनक परिस्थितियों को सुलझाने का जादुई फॉर्मूला

क्या आप चिंताजनक परिस्थितियों से निपटने का जादुई फार्मूला जानना चाहते हैं, जी हां, एक ऐसा उपाय, जिसे आप अभी आजमा कर देख सकते हैं।

अब हम उसी तरीके की बात करेंगे जिसे विलियम एच. कैरियर ने अपनाया था। विलियम एच. कैरियर एक प्रतिभाशाली इंजीनियर हैं, जिन्होंने एयर कंडीशनिंग उद्योग की शुरुआत की थी।

Author बताते हैं कि जब हम न्यूयॉर्क के इंजीनियर्स क्लब में लंच कर रहे थे, उस समय इस जादुई फार्मूले के बारे में मिस्टर कैरियर ने मुझे बताया था।

मिस्टर कैरियर ने बताया था कि— मैं न्यूयॉर्क की, बफैलो फोर्ज कंपनी में काम करता था। मुझे एक प्लेट-ग्लास बनाने वाली कंपनी के, लाखों डॉलर के कारखाने में, गैस साफ करने की मशीन लगाने का काम सौंपा गया।

गैस साफ करने का यह तरीका बिल्कुल नया था, इससे पहले सिर्फ एक बार ही इसका प्रयोग किया गया था, वह भी अलग परिस्थितियों में, इस काम के दौरान मुझे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

हालांकि हमारी मशीन काम कर रही थी, परंतु उस तरह नहीं जिस तरह की गारंटी हमने दी थी। मैं अपनी इस असफलता से, बहुत ज्यादा निराश था। मैं इतना ज्यादा परेशान था कि मेरी रातों की नींद उड़ गई थी।

आखिरकार मैं समझ गया कि चिंता करने से कोई लाभ नहीं होने वाला, इसलिए मैंने बिना चिंता किए उस समस्या का हल ढूंढने का रास्ता सोचा।

मुझे लगता है यह दुनिया की सबसे अच्छी, चिंता-विरोधी तकनीक है। जिसका प्रयोग मैं पिछले 30 सालों से करता आ रहा हूं। इसका प्रयोग कोई भी इंसान कर सकता है। इसके 3 Steps हैं—

STEP No. 1— मैंने बिना डरे, पूरी ईमानदारी से स्थिति का विश्लेषण किया, और अनुमान लगाया है कि इस असफलता के परिणाम स्वरूप, मेरे साथ बुरे से बुरा क्या हो सकता है।

यह बात तो तय थी, इस स्थिति में कोई मुझे, न तो जेल भिजवा सकता था, न ही मुझे फांसी पर लटका सकता था लेकिन मेरी इस असफलता के कारण मुझे नौकरी से निकाला जा सकता था।

STEP No. 2— बुरे से बुरे परिणामों का अनुमान लगाने के बाद, आवश्यकता पड़ने पर, मैंने इसे स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार किया। 

मैंने खुद से कहा, यह असफलता मेरे कैरियर को चौपट कर देगी, इससे मेरी नौकरी भी जा सकती है, परंतु अगर ऐसा भी हुआ, तो मैं कोई दूसरी नौकरी तलाश कर सकता हूं। 

बुरी से बुरी परिस्थिति का अनुमान लगाने और आवश्यकता पड़ने पर इसे स्वीकार करने के बाद, एक महत्वपूर्ण बात हुई कि मेरा मन पूरी तरह से शांत हो गया और काफी दिनों के बाद मैंने पहली बार राहत की सांस ली।

STEP No. 3— मैंने अपना पूरा समय और पूरी उर्जा शांति के साथ, इस काम में लगाई कि उन बुरे से बुरे परिणामों को कैसे सुधारा जा सकता है, जिन्हें मैंने पहले ही मानसिक रूप से स्वीकार कर लिया था।

इसके बाद मैंने ऐसे तरीके खोजने शुरू किए, जिससे मैं उस समस्या का कोई समाधान निकाल सकूं। मैंने कई परीक्षण किए और नतीजा ये हुआ कि मात्र 5 हजार डॉलर की, एक अतिरिक्त मशीन लगाकर उस समस्या का समाधान हो गया।

अगर मैं Tension ही लेता रहता तो, शायद ऐसा नहीं कर पाता क्योंकि चिंता हमारी एकाग्रता को समाप्त कर देती है, जिसके कारण हम सही निर्णय नहीं ले पाते।

ये घटना मेरे साथ कई साल पहले हुई थी, लेकिन इस तकनीक का Use मैं आज भी करता हूं और इसी वजह से मेरा जीवन चिंता से पूरी तरह मुक्त है।

अब आप भी,अच्छी तरह समझ गए होंगे कि अगर आपके सामने कोई भी चिंता करने वाली समस्या आए, तो विलियम एच. कैरियर के जादुई फॉर्मूले के हिसाब से, ये तीनों काम आपको जरूर करने चाहिए—

  1. खुद से पूछें कि आपके साथ बुरे से बुरा क्या हो सकता है?
  2. अगर जरूरत पड़े, तो आप उसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहें।
  3. फिर शांति से बुरे से बुरे को सुधारने की कोशिश करें।

चिंता आपका ज्यादा से ज्यादा क्या बिगड़ सकती है

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि चिंता आपका क्या बिगड़ सकती है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको जानना चाहिए। क्योंकि चिंता अच्छे से अच्छे आदमी को बीमार बना सकती है।

चिंता, डर के कारण पैदा होती है, और चिंता के कारण तनाव पैदा होता है। इंसान को हमेशा किसी ना किसी बात का डर लगा रहता है। 

जैसे—स्टूडेंट्स को नौकरी न लगने का डर, बिजनेसमैन को बिजनेस डूबने का डर, किसान को फसल बर्बाद होने का डर, नौकर को नौकरी छूटने का डर।

इनके अलावा भी किसी इंसान की जिंदगी में डर के ढेरों कारण हो सकते हैं। और उनका यही डर आगे चलकर चिंता और तनाव का कारण बन जाता है, जिसके कारण वो बहुत सारी बीमारियों को जन्म देते हैं। जैसे:- पेट का अल्सर, ह्रदय रोग, चेहरे पर झुर्रियां होना, बाल सफेद होना, बाल झड़ना आदि 

नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. अलेक्सिस कैरेल ने कहा था कि जो बिजनेसमैन चिंता से लड़ना नहीं जानते वे जवानी में ही मर जाते हैं। ऐसा नहीं है कि यह नियम केवल बिजनेसमैन पर ही लागू होता है यह घरेलू महिलाओं, डॉक्टरों, और मजदूरों पर भी लागू होता है।

पागलपन का क्या कारण है? इसका सही जवाब कोई नहीं जानता लेकिन यह भी संभव है कि कई मामलों में डर और चिंता इसका महत्वपूर्ण कारण होते हैं। Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo… 

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चिंता की समस्या को कैसे सुलझाएं

क्या आपको लगता है कि विलियम एच. कैरियर द्वारा बताया गया जादुई फार्मूला, चिंता से जुड़ी आपकी सारी समस्याओं को दूर कर देगा? नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है।

इंसान को चिंता एक नहीं, अनेक तरह की होती हैं। इन अलग-अलग तरह की चिंताओं से छुटकारा पाने के लिए, उस समस्या का विश्लेषण करना बहुत जरूरी है। जिसके कारण आपको चिंता हो रही है।

अब आप सोच रहे होंगे कि समस्या का विश्लेषण कैसे करना है। Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary के इस भाग में अब हम यही जानेंगे। इसे जानने के 3 Steps हैं।

  1. तथ्य इकट्ठे कीजिए।
  2. तथ्यों का विश्लेषण कीजिए।
  3. निर्णय पर पहुंचिए और फिर निर्णय के हिसाब से काम कीजिए।

अपने बिजनेस की 50% चिंताएं कैसे दूर करें

अगर आप एक बिजनेसमैन हैं तो, चिंता छोड़ो सुख से जियो बुक समरी का यह हिस्सा, आपके लिए बहुत खास होने वाला है। 

सबसे पहले आप मुझे यह बताइए कि क्या आप यकीन कर पा रहे हैं कि आप अपने बिजनेस से जुड़ी 50% चिंताएं दूर कर सकते हैं। आप शायद यकीन नहीं कर पा रही होंगे।

हो सकता है कि मैं आपके बिजनेस की 50% चिंताएं दूर करने में आपकी मदद न कर पाऊं, लेकिन हां, मैं यह बता सकता हूं कि दूसरे लोगों ने ऐसा किस तरह किया है।

लियॉन शिमकिन, जो अमेरिका के प्रख्यात प्रकाशन समूह साइंस एंड शस्टर, रॉकफेलर सेंटर, न्यूयॉर्क के पूर्व जनरल मैनेजर और पार्टनर हैं।

लियॉन शिमकिन ने 15 सालों तक अपना आधा दिन मीटिंगों में लगा दिया, जिसमें वह अपने सहयोगियों के साथ बिजनेस से जुड़ी समस्याओं पर विचार विमर्श करते थे।

इतना सब कुछ करने के बाद भी उनको अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिल रहे थे। जिसके कारण वो चिंता और तनाव के जाल में फंसते चले गए।

उन्होंने एक योजना बनाई, जिसका प्रयोग वह पिछले 8 साल से कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने पुराने तरीके को बंद कर दिया, जिसका प्रयोग वह अपनी मिटिंगो में पिछले 15 सालों से करते आ रहे थे।

पहले की मीटिंग में अक्सर उनके सहयोगी समस्या को विस्तार से सुनते और सुनाते थे, जिसमें काफी समय बर्बाद होता था और फिर बाद में पूछते थे अब हमें क्या करना चाहिए।

लेकिन अब उन्होंने एक नया तरीका सोच लिया था, उन्होंने अपने सहयोगियों से कहा जो कोई भी मेरे पास किसी समस्या को लेकर आएगा, वह पहले एक चेक लिस्ट तैयार करे।

जिसमें इन चारों सवालों के जवाब दिए गए हों—

  1. समस्या क्या है?
  2. समस्या का कारण क्या है?
  3. समस्या को कितने तरीकों से हल किया जा सकता है?
  4. आप किस समाधान का सुझाव देते हैं?

ऐसा करने से मेरे सहयोगी, अपनी समस्या लेकर मेरे पास कम ही आने लगे। क्योंकि उन्होंने देखा कि इन चारों सवालों का जवाब देने के लिए उन्हें सारे तथ्यों को इकट्ठा करना पड़ता है

इसका फायदा यह हुआ कि उनको अपनी समस्याओं के बारे में अच्छी तरह सोचना पड़ता है, और इतना सब कुछ करने के बाद, वह आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान खुद ही निकाल लेते थे।

आप भी अपने बिजनेस में इसका प्रयोग कर सकते हैं, आपको भी इसका फायदा जरूर मिलेगा।

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चिंता को अपने दिमाग से बाहर कैसे निकाले

मैरियन डगलस, जिनके घर में एक नहीं, लगातार दो बार बड़े हादसे हुए। पहली बार उनकी 5 साल की बेटी मर गई जिसे वह बहुत प्यार करते थे।

वो और उनकी पत्नी इस दुख को सहन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन 10 महीने बाद ईश्वर ने उनकी सुन ली, और उनके घर एक छोटी बच्ची का जन्म हुआ।

लेकिन मात्र 5 ही दिनों में उस बच्चे की भी मृत्यु हो गई। यह हादसा उनके लिए असहनीय था। वो इस हादसे को सहन नहीं कर पा रहे थे।

वो न सो पा रहे थे और न खा पा रहे थे। वो अंदर से बिल्कुल टूट चुके थे। वो अपना विवेक समाप्त कर चुके थे। आखिरकार वो डॉक्टर के पास गए।

डॉक्टर ने उन्हें नींद की गोलियां दी और कहीं बाहर घूमने का सुझाव दिया। उन्होंने दोनों ही तरीकों को आजमाकर देखा लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

ईश्वर की कृपा से उनका एक बच्चा अभी भी जीवित था। जिसने उनकी समस्या को सुलझा दिया। एक दिन उनके बच्चे ने उनसे बोट बनाने के लिए कहा।

उनका बोट बनाने का कोई मूड नहीं था, लेकिन बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी था। आखिरकार उनको वोट बनानी पड़ी। इस टॉय बोट को बनाने में उन्हें 3 घंटे का समय लगा।

लेकिन उन्होंने बाद में महसूस किया कि इन 3 घंटों में उन्हें इतनी शांति और मानसिक राहत मिली, जो वो खो चुके थे।

उन्होंने कहा कि जब हम किसी काम की योजना बनाने और उसके बारे में सोचने में व्यस्त होते हैं तो किसी और चीज की चिंता करना मुश्किल होता है। 

उनके मामले में बोट बनाने के काम ने उनकी चिंता को दूर भगा दिया। अब उन्होंने फैसला किया कि वो खुद को किसी ना किसी काम में व्यस्त रखेंगे।

आप भी ऐसा करके अपने दिमाग में बैठी किसी भी चिंता से निजात पा सकते हैं। 

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Quotes | Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book में दिए गये अनमोल विचार

जो आपके सामने है, उसका पूरा आनंद लो, इससे पहले कि आप मिट्टी में मिल जाएं।

अतीत और भविष्य को लोहे के दरवाजों से बंद कर दो और अपना एक-एक दिन यानि डे-टाइट कंपार्टमेंट में जियो।

जो चिंता से लड़ना नहीं जानते, वे जवानी में ही मर जाते हैं।

चिंतित आदमी को काम में पूरी तरह डूब जाना चाहिए, वरना वह निराशा से मुरझा जायेगा।

जो हो गया उसे स्वीकार कर लो, स्वीकार करना किसी दुर्भाग्य के परिणामों से उभरने का पहला कदम।

जो होना तय है, उसे सहजता से सहन करने की कोशिश करो।

हमारे विचारों से ही, हमारी जिंदगी बनती है।

अपने दुश्मन के लिए नफरत की भट्टी को इतनी तेज मत करो कि आप खुद भी उस में जल जायें।

दूसरों की नकल न करें, अपने आप को जाने, और अपने असली स्वरूप में रहें।

हर दिन एक अच्छा काम करें, जिससे किसी के चेहरे पर खुशी की मुस्कुराहट आ जाए।

FAQ | Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary

क्या चिंता छोड़ो सुख से जियो बुक आपकी चिंता दूर कर देगी?

हां बिल्कुल,अगर आप इस किताब में बताए गए सभी नियमों का अच्छे से पालन करेंगे तो आपकी, चिंता और तनाव जरूर कम होंगे।

चिंता दूर कैसे करें?

चिंता दूर करने के लिए, आप इन नियमों का पालन कर सकते हैं। अपना हर दिन वर्तमान में जिएं, भविष्य की चिंता ना करें। जो हो चुका है, उसे स्वीकार करें।जिस काम में आपका मन लगता है, उस काम में व्यस्त रहें। आप अच्छी किताबें पढ़ें। आप सिर्फ अच्छे लोगों के संपर्क में रहें। आप एक्सरसाइज या योगा करें।

चिंता करने से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?

चिंता करने से हमारे अंदर बहुत सारी बीमारियों को जन्म देते हैं। जैसे पेट का अल्सर, ह्रदय रोग, चेहरे पर झुर्रियां होना, बाल सफेद होना, बाल झड़ना आदि

Conclusion

हम आशा करते हैं कि इस Article को पढ़ने के बाद, आपको अपनी जिंदगी को चिंता और तनाव मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।

मुझे लगता है कि How to Stop Worrying and Start Living summary in Hindi को पढ़ने के बाद, आपको एक बार इस किताब को जरुर पढ़ना चाहिए क्योंकि यह बुक समरी, इस किताब का सिर्फ छोटा सा हिस्सा है। यह एक ऐसी किताब जो हर घर में होनी ही जरुर चाहिए।

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